लखनऊ। भले ही प्रदेश की मायावती सरकार के मंत्री बेहतर चिकित्सा और सुविधा देने की बात करते हों, लेकिन सच्चाई कुछ और ही बंया कर रही है। राजधानी के पीजीआई अस्पताल ने महज दो लाख रूपए का बिल अदा न होने पर मरीज को 13 महिनों से बंधक बना रखा है। दरअसल सलमा नाम की लड़की को यहां इलाज कराने के लिए और भर्ती कराया गया था।
जानकारी के मुताबिक सलमा को तेरह महीने पहले बेहोशी की हालत में लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था। उसके दोनों हार्ट वाल्व खराब थे। वाल्व बदले भी गए लेकिन तेरह महीने बीत जाने के बाद भी सलमा को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया वजह उसके परिवार वाले इलाज के दो लाख रुपए नहीं पा रहे थे। सलमा की जान तो बच गई मगर उसे अफसोस है कि वो इतने दिनों से अपने घर नहीं जा सकी।
पीड़ित सलमा का कहना है कि पीजीआई में उसे किसी प्रकार दिक्कत नहीं थी लेकिन घर नहीं जाने दिया जा रहा था। हद तो तब हो गई जब सलमा की दादी एक्सपायर कर गईं लेकिन फिर भी घर नहीं जाने दिया गया। सलमा के मुताबिक घर जाने के लिए सबसे गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
सलमा को जिस शख्स ने पीजीआई में भर्ती कराया वो किसी मामले में जेल चला गया। सलमा को अस्पताल में हर सुविधा दी जाती रही थी। इस मामले में अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को बगैर फीस चुकाए डिस्चार्ज करने से डॉक्टरों के ऊपर कानूनी कार्रवाई हो सकती थी।
Friday 24 October, 2008
फीस नहीं चुकाने पर मरीज 13 महिने से अस्पताल में कैद
Posted by SANJAY SHARMA at 6:30 pm
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