Saturday 4 October, 2008

अमेरिका को सामरिक साझीदारी की उम्मीद

संवाददाता
नई दिल्लीः आने वाले सालों में भारत दुनिया को नेतृत्व प्रदान करेगा और ऐसे देश के साथ अमेरिका सामरिक साझेदारी का रिश्ता स्थापित करने की उम्मीद कर रहा है। शनिवार को भारत-अमेरिका परमाणु सहयोग समझौते पर दस्तखत के लिए भारत आने के पहले अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने अमेरिकी कांग्रेस से परमाणु समझौता पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस समझौते से भारत और अमेरिका और निकट आएंगे।राइस ने कहा कि यदि अमेरिकी कांग्रेस के दोनों दलों के सदस्यों ने पिछले तीन सालों के दौरान समर्थन नहीं दिया होता, तो यह मुमकिन नहीं होता। अमेरिका-भारत 123 द्विपक्षीय अग्रीमंट भारत और अमेरिका के बीच बदले हुए रिश्तों को दर्शाता है और विश्व रंगमंच पर एक उभरते भारत के महत्व को पहचाना गया है। इस समझौते से विश्व के सबसे बड़े जनतंत्र के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भी रोजगार और नई आर्थिक संभावनाओं के अवसर खुलेंगे। भारत की एक अरब से अधिक आबादी की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस तरह पैदा बिजली पर्यावरण के अनुकूल होगी इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
अमेरिकी विदेश मंत्री राइस ने कहा कि अमेरिका-भारत 123 अग्रीमंट को मंजूरी से हमारे विश्वव्यापी परमाणु अप्रसार प्रयासों को भी मदद मिलेगी। इस समझौते से दोनों देश अंतरराष्ट्रीय परमाणु व्यवस्थाओं से लाभ तो उठाएंगे ही, अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को भी साझा वहन करेंगे।

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