Tuesday 22 November, 2011

अंग्रेज चले गए, बेरहम पुलिस छोड. गए

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Monday 20 July, 2009

सरकार ने मानी बुलेटप्रूफ जैकेटों में खामी की बात

नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में माना कि सैनिकों को आपूर्ति की गई बुलेटप्रूफ जैकेटों में कुछ खामियां थी तथा अब उनसे बेहतर जैकेट खरीदने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सेना मुख्यालय ने इन जैकेटों में खामी को देखते हुए नये गुणवत्ता मानदंड सुझाएं हैं, जिनके आधार पर नई जैकेटें खरीदने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए मास्टर एक समिति गठित की गई है, जिसे पूरे वित्तीय अधिकार भी दिए गए हैं।
सैनिकों को घटिया स्तर के हथियार और सामग्री आपूर्ति किए जाने पर सदस्यों के चिंता जताने पर उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि सैनिकों विशेषकर सियाचिन जैसे दुर्गम स्थानों पर तैनात जवानों को अत्याधुनिक हथियार और सामग्री उपलब्ध कराई जाए, लेकिन यह सतत प्रक्रिया है।
उन्होंने माना कि कुछ हथियार अत्याधुनिक नहीं हैं, लेकिन इसमें लगातार सुधार किया जा रहा है। एंटनी ने कहा कि हथियारों और सैन्य सामग्री के मामले में देश के आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न सरकारों के लगातार प्रयासों के बावजूद आज भी हमें 70 प्रतिशत रक्षा सामग्री आयात करनी पड़ती है।

रीता के घर जलाने वाले को माया ने दिया तोहफा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रीता बहुगुणा जोशी के घर पर हुई आगजनी और तोड़फोड़ में कांग्रेस की ओर से नामजद आरोपी इंतजार अहमद आबिदी को रविवार देर रात उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना विकास परिषद का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आबिदी की गन्ना किसान संस्थान के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह पद राज्य मंत्री स्तर का है और पूर्व अध्यक्ष विनय शाक्य के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था।
15 जुलाई को कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता जोशी के घर हुई तोड़फोड़ और आगजनी में बसपा विधायक जीतेंद्र सिंह बबलू के साथ आबिदी भी आरोपी हैं।
कांग्रेस ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया था कि बबलू और आबिदी के नेतृत्व में बसपा कार्यकर्ताओं ने जोशी के घर पर हमला बोला और आग लगा दी थी।
बाद में पुलिस ने इन दोनों का नाम पहले से दर्ज प्राथमिकी में जोड़ दिया। वैसे राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी है, लेकिन कांग्रेस इस कांड की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है।

Thursday 16 July, 2009

रीता बहुगुणा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख रीता बहुगुणा जोशी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जिन्हें मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था। रीता बहुगुणा की गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजने से कांग्रेस कार्यकर्ता भी भड़के हुए हैं। उन्होंने मुरादाबाद पुलिस लाइन पर जमकर हंगामा किया और नारे लगाए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जेल को घेरकर हंगामा किया और मांग की कि उन्हें रीता बहुगुणा से मिलने दिया जाए। उधर, मुरादाबाद से कांग्रेस सांसद अज़हरुद्दीन, कांग्रेस के यूपी प्रभारी दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेता विवेक कुमार मुरादाबाद के लिए रवाना हो गए हैं।
इस गिरफ्तारी से पहले उनकी टिप्पणी पर भड़के बसपा के कार्यकर्ताओं ने अतिसुरक्षित क्षेत्र में स्थित डॉ जोशी के सरकारी मकान को आग के हवाले कर दिया। इस आगजनी में उनके घर का एक भी सामान नहीं बचा।
देर रात खबर के अनुसार डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांग ली है मगर वहीं मुख्यमंत्री से भी मांगने के लिए कहा है। गौरतलब है कि राज्य में कुछ दलित महिलाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार के आरोपों के बाद सरकार की ओर से उन्हें मुआवजा दिया गया है। इस मुआवजे की कार्रवाई को डॉ जोशी ने शर्मनाक बताया और मायावती पर टिप्पणी कर दी। जानकारी के अनुसार डॉ जोशी ने मुआवजे दिए जाने को खेदजनक बताया और कहा कि यदि मायावती के बलात्कार हो तो वे एक करोड़ रुपया देंगी।
इस घटना से यूपी की राजनीति गर्मा गई है। यहां पर एक बात और गौर करने की बात है कि हाल ही में सोनिया गांधी ने भी कहा था कि यूपी कांग्रेसी कार्यकर्ता जेल भी जाने को तैयार हो जाएं। यहां तक सोनिया गांधी ने कहा था कि राहुल गांधी भी जरूरत पड़ने पर जेल जा सकते हैं।





समर्थन वापसी पर हो रहा है विचार : बसपा



नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा का कहना है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के घर में आग बसपा के कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि खुद रीता बहुगुणा ने ही लगवाई है।
साथ ही वह यह भी चाहते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस पूरे मसले के लिए माफी मांगें।
उन्होंने यह भी कहा है कि बसपा, कांग्रेस से समर्थन वापसी पर भी विचार कर रही है। जिसका फैसला गुरुवार शाम की बैठक में किया जाएगा।
वहीं कांग्रेस रीता बहुगुणा के बचाव में उतर आई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि रीता बहुगुणा जोशी ने मुरादाबाद में जो बयान दिया, वह सही नहीं था और इसके लिए रीता बहुगुणा ने माफी भी मांग ली है। लेकिन जिस तरह से उनके घर को जलाया गया, वह गलत है।
उन्होंने कहा कि मायावती अपने राजनैतिक विरोधियों को दबाने की कोशिश कर रही हैं। ये लड़ाई कानूनी है और वे कोर्ट में जाएंगे। मायावती सरकार ने जो धाराएं लगवायीं हैं, वे गलत हैं।






मायावती-रीता प्रकरण दलित वोटों की नूराकुश्ती : भाजपा



नई दिल्ली। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा की कथित टिप्पणी के बाद राज्य में हो रहे विरोध को कांग्रेस और बसपा की दलित वोटों की बंदर बांट के लिए नूराकुश्ती करार दिया है।
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने मायावती के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी के लिए श्रीमती बहुगुणा को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने और उनका घर जलाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दरअसल दलित वोटों की बंदर बांट के लिए कांग्रेस और बसपा की राजनीतिक नूराकुश्ती हो रही है।
नकवी ने कहा कि कांग्रेस और बसपा की क्रमशः केन्द्र और उत्तर प्रदेश में सरकार है। हालात ये हैं कि उत्तर प्रदेश में बद से बदतर हो रही स्थिति, खासतौर से सूखा, मंहगाई, भ्रष्टाचार, अराजकता और पानी बिजली की समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए दोनों दल राज्य में ये हालात पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था के जो हालात हैं उसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारें बराबर की दोषी हैं। इस तरफ से लोगों का ध्यान किस तरह से हटाया जा सके और वोटों की सौदागरी के लिए कौन कितना बड़ा है। दोनों में इसकी होड़ मची हुई है। उन्होंने कहा कि मायावती, रीता बहुगुणा घटनाक्रम को दलित वोटों की बंदर बांट के लिए राजनीतिक नूराकुश्ती के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता।



Friday 10 July, 2009

आरा में कोर्ट में धमाका, दो की मौत

भोजपुर। बिहार के आरा जिला कोर्ट के अंदर एक शख्स ने शरीर पर बम बांधकर खुद को उड़ा लिया। धमाके में उस शख्स सहित दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
यह धमाका अदालत परिसर में वकीलों के बैठने की जगह पर टेबल नंबर-19 के पास हुआ। भोजपुर के एसपी के मुताबिक धमाके में घायल एक वकील की हालत काफी गंभीर है। यह साफ नहीं हो पाया है कि इस व्यक्ति ने खुद को क्यों उड़ा लिया।

यूपी सरकार को मूर्तियां लगाने से रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नोएडा के एक पार्क में मुख्यमंत्री मायावती और अन्य दलित नेताओं की मूर्तियां लगाने के काम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, जिसे राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
चीफ जस्टिस के.जी. बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष एक आवेदन में इस काम में यथास्थिति रखने की मांग की गई थी। इसके बाद पीठ ने कहा, सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी तो अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। पीठ ने कहा, कैबिनेट ने मंजूरी दे दी तो हम कुछ नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में यमुना नदी के किनारे चार किलोमीटर लंबे इलाके में मायावती और बसपा संस्थापक कांशी राम सहित कई बीएसपी नेताओं की मूर्तियां लगाने का प्रस्ताव रखा था।
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल की जानी चाहिए, जहां मूर्तियां लगाने से संबंधित अन्य मामले चल रहे हैं। पीठ ने वकील रविकांत से कहा, आपको हाई कोर्ट जाना चाहिए, जहां इससे संबंधित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून को रविकांत की याचिका पर ही उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में लखनऊ के एक पार्क में मायावती, कांशीराम और बीएसपी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियों को लगाने में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
वकील रविकांत ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार को उनकी याचिका पर जून में दिए गए नोटिस पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का जो समय दिया गया है, उसका इस्तेमाल मूर्तियां लगाने के काम में तेजी लानें में किया जा रहा है। अदालत ने कहा कि ताजा आवेदन पर मुख्य याचिका के साथ सुनवाई होगी। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मायावती के करीबी सहयोगी वरिष्ठ वकील सतीश चंद मिश्रा ने रविकांत द्वारा दाखिल ताजा आवेदन पर विरोध जताया था।
वकील रविकांत द्वारा दायर जनहित याचिका में मांग की गई थी कि मायावती को सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी धन से उनकी मूर्तियां लगाने से रोकने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने सरकारी कोष के दुरुपयोग के संबंध में सीबीआई जांच की मांग भी की। रविकांत ने पीठ के समक्ष कहा कि आरटीआई के जरिये हासिल जानकारी में पता चला कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर 52.20 करोड़ रुपये के सरकारी धन से हाथी की 60 मूर्तियां लगाई जा रहीं हैं।

पर्यावरण पर अपने खिलाफ रिपोर्ट से भड़के अमिताभ बच्चन

नई दिल्ली। बीमारी से उबर रहे अमिताभ बच्चन पिछले दिनों मुंबई के एक अखबार में छपी रिपोर्ट से खासे व्यथित हैं। रिपोर्ट में बच्चन परिवार को संरक्षण के नाम पर सिर्फ बातें बनाने वाला परिवार कहे जाने पर बच्चन ने अखबार को जम कर लताड़ पिलाते हुए अखबार बंद करने की सलाह दे डाली है।
मुंबई के एक अखबार ने अपने बुधवार के अंक में बोल बच्चन नाम से खबर छपी थी। इस खबर में बच्चन परिवार की स्पोर्ट्स यूटिलिटी वैन (एसयूवी)पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक तरफ तो बच्चन परिवार सामाजिक से लेकर फिल्म समारोहों के ग्रीन कारपिट पर पर्यावरण संरक्षण की बातें करता है, दूसरी ओर कहीं भी आने-जाने के लिए एसयूवी का उपयोग करता है।
अखबार ने लिखा है कि एसयूवी वातावरण में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जन का एक बहुत बड़ा स्रोत है और इस पर अमेरिकी सरकार प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
अखबार की इस रिपोर्ट से बच्चन खासे नाराज़ हैं और उन्होंने इसके जवाब में अखबार को लताड़ते हुए सलाह दी है कि पर्यावरण संरक्षण और देश के गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले अखबार वाले अखबार छापने के लिए कार्बन का उपयोग करना बंद करें।
बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा है यह अच्छा नहीं होगा कि पूरा प्रिंटिंग प्रेस समुदाय अखबार के लिए कार्बन प्रिंट जलाना बंद कर दे। सोचिए अगर प्रिंटिग प्रेस समुदाय इस खतरनाक रसायन का उपयोग बंद कर दे तो इससे कितने गांवों में रोशनी पहुंचाई जा सकेगी।
बच्चन ने लिखा है ऐसा होने पर कोई अखबार नहीं बचेगा। लेकिन विश्व को बचाने के लिए अखबार इतना तो कर ही सकते हैं। जहान है तो जान है। भाई साहब, बहनजी- अगर मुझे इस जानी पहचानी लोकोक्ति को पलटने का मौका दे दिया जाए तो। बच्चन ने अखबार को सलाह देते हुए यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण की खातिर आप लोग अपने मोबाइल फोन का उपयोग बंद कर दें और जब भी आपको बच्चन परिवार का इंटरव्यू लेना हो तो उनके घर आकर उनसे बात करें।
उन्होंने कहा- आपको पता है कि हर फोन और एसएमएस से आप कितनी रेडियोएक्टिव तरंगें वातावरण में पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की आप अपने घर से शुरूआत क्यों नहीं करते। जब भी आपको बात करनी हो तो आप बच्चन परिवार के घर आ जाएं, यह आपसे ज्यादा दूर नहीं है। पैदल चलना आपको फिट भी रखेगा।
मीडिया से नाराज़ बच्चन सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने अखबार को यह भी सलाह दी है कि वे जल्दी ही जैगुआर और एसयूवी का निर्माण करने जा रहे रतन टाटा और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा को भी रोकें और उन्हें इससे होने वाले नुकसानों की जानकारी दें।
बच्चन ने लिखा है पैदल उनके पास जाएं। आप मीडिया हैं, पूरी दुनिया आपसे डर कर आप के सामने है। वे आपकी बात जरूर सुनेंगे। बच्चन के कटाक्षों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। उन्होंने अखबार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक जाने और उन्हें हवाई यात्राएं और कार्बन उत्सर्जित करने वाले उपकरणों का उपयोग बंद करने का सुझाव देने संबंधी सलाह दे डाली।
बच्चन ने कहा- लोग जल्दी से दिल्ली जाएं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहें कि वे अपने काफिले में एसयूवी का उपयोग बंद करवा दें। अखबार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से संपर्क करने की सलाह देते हुए उन्होंने लिखा जल्दी ही हमारे देश आने वाले हैं। आप उनसे मिलकर उन्हें गजलर्स (गैस उत्सर्जित करने वाले उपकरण)की इस अवधारणा के बारे में बताएं। मुझे विश्वास है कि वे इस पर कोई प्रभावी टिप्पणी देंगे। इसके बाद बच्चन ने अखबार पर बरसते हुए कहा- आप यह सब करने में सफलता पा लें, उसके बाद मेरे पास आएं। मैं खुशी से आपको अपनी एसयूवी दे दूंगा।


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