Friday 10 July, 2009

पर्यावरण पर अपने खिलाफ रिपोर्ट से भड़के अमिताभ बच्चन

नई दिल्ली। बीमारी से उबर रहे अमिताभ बच्चन पिछले दिनों मुंबई के एक अखबार में छपी रिपोर्ट से खासे व्यथित हैं। रिपोर्ट में बच्चन परिवार को संरक्षण के नाम पर सिर्फ बातें बनाने वाला परिवार कहे जाने पर बच्चन ने अखबार को जम कर लताड़ पिलाते हुए अखबार बंद करने की सलाह दे डाली है।
मुंबई के एक अखबार ने अपने बुधवार के अंक में बोल बच्चन नाम से खबर छपी थी। इस खबर में बच्चन परिवार की स्पोर्ट्स यूटिलिटी वैन (एसयूवी)पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक तरफ तो बच्चन परिवार सामाजिक से लेकर फिल्म समारोहों के ग्रीन कारपिट पर पर्यावरण संरक्षण की बातें करता है, दूसरी ओर कहीं भी आने-जाने के लिए एसयूवी का उपयोग करता है।
अखबार ने लिखा है कि एसयूवी वातावरण में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जन का एक बहुत बड़ा स्रोत है और इस पर अमेरिकी सरकार प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
अखबार की इस रिपोर्ट से बच्चन खासे नाराज़ हैं और उन्होंने इसके जवाब में अखबार को लताड़ते हुए सलाह दी है कि पर्यावरण संरक्षण और देश के गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले अखबार वाले अखबार छापने के लिए कार्बन का उपयोग करना बंद करें।
बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा है यह अच्छा नहीं होगा कि पूरा प्रिंटिंग प्रेस समुदाय अखबार के लिए कार्बन प्रिंट जलाना बंद कर दे। सोचिए अगर प्रिंटिग प्रेस समुदाय इस खतरनाक रसायन का उपयोग बंद कर दे तो इससे कितने गांवों में रोशनी पहुंचाई जा सकेगी।
बच्चन ने लिखा है ऐसा होने पर कोई अखबार नहीं बचेगा। लेकिन विश्व को बचाने के लिए अखबार इतना तो कर ही सकते हैं। जहान है तो जान है। भाई साहब, बहनजी- अगर मुझे इस जानी पहचानी लोकोक्ति को पलटने का मौका दे दिया जाए तो। बच्चन ने अखबार को सलाह देते हुए यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण की खातिर आप लोग अपने मोबाइल फोन का उपयोग बंद कर दें और जब भी आपको बच्चन परिवार का इंटरव्यू लेना हो तो उनके घर आकर उनसे बात करें।
उन्होंने कहा- आपको पता है कि हर फोन और एसएमएस से आप कितनी रेडियोएक्टिव तरंगें वातावरण में पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की आप अपने घर से शुरूआत क्यों नहीं करते। जब भी आपको बात करनी हो तो आप बच्चन परिवार के घर आ जाएं, यह आपसे ज्यादा दूर नहीं है। पैदल चलना आपको फिट भी रखेगा।
मीडिया से नाराज़ बच्चन सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने अखबार को यह भी सलाह दी है कि वे जल्दी ही जैगुआर और एसयूवी का निर्माण करने जा रहे रतन टाटा और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा को भी रोकें और उन्हें इससे होने वाले नुकसानों की जानकारी दें।
बच्चन ने लिखा है पैदल उनके पास जाएं। आप मीडिया हैं, पूरी दुनिया आपसे डर कर आप के सामने है। वे आपकी बात जरूर सुनेंगे। बच्चन के कटाक्षों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। उन्होंने अखबार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक जाने और उन्हें हवाई यात्राएं और कार्बन उत्सर्जित करने वाले उपकरणों का उपयोग बंद करने का सुझाव देने संबंधी सलाह दे डाली।
बच्चन ने कहा- लोग जल्दी से दिल्ली जाएं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहें कि वे अपने काफिले में एसयूवी का उपयोग बंद करवा दें। अखबार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से संपर्क करने की सलाह देते हुए उन्होंने लिखा जल्दी ही हमारे देश आने वाले हैं। आप उनसे मिलकर उन्हें गजलर्स (गैस उत्सर्जित करने वाले उपकरण)की इस अवधारणा के बारे में बताएं। मुझे विश्वास है कि वे इस पर कोई प्रभावी टिप्पणी देंगे। इसके बाद बच्चन ने अखबार पर बरसते हुए कहा- आप यह सब करने में सफलता पा लें, उसके बाद मेरे पास आएं। मैं खुशी से आपको अपनी एसयूवी दे दूंगा।

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