नई दिल्ली। समलैंगिक रिश्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और समलैंगिकों की हक़ की लड़ाई लड़ने वाले नाज़ फाउंडेशन को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले पर विस्तार से अध्यन करेगी और केंद्र सरकार के जवाब के बाद ही इस मामले पर कोई अंतरिम आदेश देगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो बालिगों के बीच समलैंगिक रिश्तों को जायज़ ठहराया था जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी। सुरेश कुमार कौशल ने यह भी दलील दी है कि समलैंगिक संबंधों को मंज़ूरी देने से एड्स फैलने का खतरा है क्योंकि एचआईवी वायरस अप्राकृतिक सेक्स का ही नतीजा है।
योग गुरु बाबा रामदेव भी समलैंगिक संबंधों को मंज़ूरी दिये जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं लेकिन रामदेव ने कोई याचिका दायर नहीं की है। बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त की बैठक में भी इस फैसले का विरोध किया गया है और कहा गया है कि गुरुद्वारों में समलैंगिक शादी नहीं होगी।
देशभर के गुरुद्वारों को फरमान जारी किया गया है कि गुरुद्वारे ऐसी शादियां न कराएं। गे एक्टिविस्ट कहते हैं कि समलैंगिक संबंध पूरी तरह से कुदरती है और इसे अपराध नहीं समझा जाना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो बालिगों के बीच समलैंगिक रिश्तों को जायज़ ठहराया था जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी। सुरेश कुमार कौशल ने यह भी दलील दी है कि समलैंगिक संबंधों को मंज़ूरी देने से एड्स फैलने का खतरा है क्योंकि एचआईवी वायरस अप्राकृतिक सेक्स का ही नतीजा है।
योग गुरु बाबा रामदेव भी समलैंगिक संबंधों को मंज़ूरी दिये जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं लेकिन रामदेव ने कोई याचिका दायर नहीं की है। बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त की बैठक में भी इस फैसले का विरोध किया गया है और कहा गया है कि गुरुद्वारों में समलैंगिक शादी नहीं होगी।
देशभर के गुरुद्वारों को फरमान जारी किया गया है कि गुरुद्वारे ऐसी शादियां न कराएं। गे एक्टिविस्ट कहते हैं कि समलैंगिक संबंध पूरी तरह से कुदरती है और इसे अपराध नहीं समझा जाना चाहिए।
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